कैसे हर बार इंदौर बनता है स्वच्छता में नंबर 1
पीएम स्वच्छता मिशन 2015 में लॉन्च हुआ।जिसका उद्देश्य देश को स्वच्छ और खुले में शौच मुक्त करना था।इस मिशन को गति देने के लिए 2016 में MoUHA के द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण की शुरुआत हुई।
इस स्वच्छ सर्वेक्षण में 2016 के बाद पहले साल 25वे नंबर पर रहा इंदौर उसके बाद से ,सर्वेक्षण में लगातार 6 बार पहले स्थान पर है। साथ ही उसने देश की पहली 7 स्टार सिटी होने का गौरव भी हासिल किया है,जिसका अर्थ है विश्वस्तरीय स्वच्छता के मानक इंदौर ने पा लिए।
क्या बनाता है इंदौर को नंबर 1?
पहला,इंदौर म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन 5000 करोड़ के बजट में 1200 करोड़ स्वच्छता के ऊपर खर्च करता है।
दूसरा, दरवाजे पर से कचरा उठाना इसके जरिए इंदौर नगर निगम हर दिन 1900 टन कचरा एकत्रित करता है जिसमें 1200 टन सूखा कचरा और 700 टन गीला कचरा एकत्रित करता है। आगे कचरे को एकत्रित कर गार्बेज ट्रांसिट स्टेशन में ले जाया जाता है ,यहां कचरे को 6 प्रकार से अलग अलग बांटा जाता है।
तीसरा ,हर रात सड़को की सफाई 11000 लीटर पानी से की जाती है, जिससे उड़ने वाली धूल से होने वाले प्रदूषण में कमी होती है।
चौथा,हर 200 मीटर में शौचालय बनाए गए जिससे खुले शौच में कमी आई है।
क्या है,स्वच्छता के लिए अवसरंचना और उसके फायदे?
पहला, 1500 कचरा गाड़ियां जो घरों और उद्योगों से कचरा एकत्रित करती है। जो कचरे को सोर्स से ही पृथक पृथक कचरे को एकत्रित करते है जिसके कंपार्टमेंट गाड़ी के अंदर ही रहते है। जैसे सैनिटरी नैपकिन लिए। इसके फायदे ऐसे है कि पहले स्तर पर ही कचरे को पृथक करने से प्रोसेसिंग आसान होती है।
दूसरा , वेस्ट टू डिस्पोजल प्लांट जो एशिया का सबसे बड़ा बायो सीएनजी प्लांट है। इससे फायदा यह होता है कि उत्पादित हुई बायो गैस बसों के लिए ईंधन का हेतु प्रयोग में आती है।जो 5 रुपए सस्ता होता है।
साथ ही पिछले साल पीएम मोदी ने 17000 से 18000 बायो सीएनजी और 10 टन जैविक खाद पैदा करने वाला 550 मैट्रिक टन की क्षमता वाले पावर प्लांट का उद्घाटन किया है।
तीसरा,3 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट जो 200 सार्वजनिक गार्डन, खेती में सिंचाई के काम आता है।
चौथा , ठोस कचरा इकठ्ठा कर कचरे को रीसाइकल करने अहमदाबाद के NERPA सेंटर भेजा जाता है।
इस सब के साथ कुछ फायदे ये भी है कि कार्बन क्रेडिट और प्राइवेट को सीएनजी जेनरेट करने के लिए बेचा गया वेस्ट नगर निगम को 14 करोड़ की आय कमाने मदद कर देता है।
किसका सहयोग है , इंदौर को स्वच्छ रखने में?
सहयोग में सबसे पहले इंदौरी जनता स्वच्छता के लिए एटीट्यूड अपनाना, व्यवहार परिवर्तन और स्वच्छता संस्कृति को अपनाना पहले नंबर में लाने हेतु प्रमुख योगदान है।
साथ ही 1100 सफाई मित्र ,जो लगातार 3 शिफ्ट में कार्य करते है।वे लगातार दिन रात कार्य कर इंदौर को साफ स्वच्छ बनाने में अपना पसीना बहाते है।साथ ही ये टोंकते रहते है हर एक गलती करने वाले लोगो को जो सड़को, सार्वजनिक जगहों पर कचरा फेंकते है इसके फायदे ये हुए कि सार्वजनिक स्थानों में कचरा फैला नही मिलता और ना ही कोई खुले में शौच करते।
इनमे सबसे बड़ा योगदान प्रशासन है जो घर घर कचरे के एकत्रण से शुरुआत कर उसे 3R के स्तर तक लेकर गए।और प्रशासन का साथ देने में राजनीतिक प्रतिनिधियों का योगदान भी सराहनीय रहा है।
इस मॉडल से प्रेरित होकर अब तक 600 शहरों के निगम और दूसरे देशों से लोग स्वच्छता के तौर तरीके सीखने आते है।
इस तरह स्वच्छता में नंबर 1 इंदौर के लोग हर सुबह शान की आवाज के साथ कचरा एकत्रित करता है कि "हुआ है नं. 1,इंदौर रहेगा नं.1"
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