लय में लौटी मुंबई,ले सकती है बड़ी टीमों की अग्निपरीक्षा

हले तीन मैच हार कर मुंबई इंडियंस अब जीत की पटरी पर लौट चुकी है ।अंतिम दो मैचों में जिस तरीके से मुंबई की बल्लेबाजी और गेंदबाजी ने अपना प्रदर्शन दिखाया है देख कर लग रहा है टीम अब अपनी क्षमता के अनुसार प्रदर्शन करने लगी है।टीम मैनेजमेंट ने जल्द ही कमियों में सुधार कर टीम को मजबूत बना लिया है। जबसे टीम अपने विश्व स्तरीय खिलाड़ियों की प्लेइंग 11 में वापसी करवाई है,एक अलग चमक बिखेरती दिख रही है। मोहम्मद नबी के आने से मुंबई को स्पिन डिपार्टमेंट में जो एक स्पिनर की कमी जो खल रही थी , अब वह नहीं खेल रही साथ ही आठवें नंबर तक बल्लेबाजी मजबूत हुई है।शेफर्ड की 10 गेंद पर 39 रन बनाने वाली पारी ने मुंबई की बैटिंग डेप्थ का प्रदर्शित किया है , जिसके लिए मुंबई की टीम जानी जाती है।टीम के लिए टिम डेविड लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे है। लगता है सूर्यकुमार यादव के साथ वापस आने से टीम की किस्मत भी वापस आई है।पहले मैच में शून्य में आउट होने का बाद सूर्या अगले ही मैच में शानदार तेज तर्रार पारी खेलकर सामने वाली टीमों के लिए सिर दर्द बन गए है। ईशान किशन और रोहित शर्मा का फॉर्म भी मुंबई के लिए सुखद है जिसके बूते 6वीं बारी ट्रॉफी पर कब्जा किया जा सकता है।

मुंबई के पास अभी कुछ कमजोरी है जिसका उन्हें समाधान ढूंढना है पहला स्पिन डिपार्टमेंट ।हालांकि पिछले मैच में श्रेयस गोपाल की बोलिंग ने पीयूष चावला से ज्यादा धार दिखाई है । दूसरा टीम के विदेशी गेंदबाज इफेक्टिव साबित नहीं हो पा रहे हैं । इसके साथ-साथ आकाश मधवाल की गेंदबाजी उतनी कारगर साबित नहीं हुई जो पिछले आईपीएल में थी। यदि मुंबई इंडियंस अपने परफॉर्मेंस पर ध्यान देते हुए बॉलिंग पर और सुधार करती है तो निश्चित ही यह दूसरी टीमों को इस टीम से पार पाना हर एक मैच पर अग्नि परीक्षा होगी ,क्योंकि यह टीम 250 का स्कोर भी चेंज करने का माद्दा रखती है और यदि पहले बल्लेबाजी कर ले तो 250 रन बनाने की क्षमता भी।

इसके अलावा यह टीम भारतीय खिलाड़ियों से सजी हुई है जो की टीम के प्लेइंग इलेवन के प्रबल दावेदार हैं जो किसी ओर टीम के पास नहीं दिखता है। मुंबई इंडियन विदेशी खिलाड़ियों पर उतना नहीं जताती जितना की दूसरी टीम जताती हैं और विदेशी खिलाड़ियों के भरोसे पर खेलती हैं। यह टीम कर रोहित शर्मा, सूर्यकुमार यादव, ईशान किशन ,जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पांड्या जो भारत की रीड की हड्डी है ,जैसे खिलाड़ियों से सजी हुई है ।तो इन खिलाड़ियों का पार पाना तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मुश्किल होता है तो आईपीएल में एक ही टीम में इनका होना मुंबई को बहुत मजबूत टीम बनाता है ।

पहले तीन मैच में वह अपनी क्षमता के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाई लेकिन अब पटरी पर लौटी यह टीम से दूसरी टीम से कैसे पार पाएंगी यह देखना होगा।

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harshit chourasia

।जान रहे है,खुद को धीरे धीरे, मद्धम मद्धम।